माँ स्कंदमाता का पूजन नवरात्रि के पांचवे दिन किया जाता है। इस दिन माँ स्कंदमाता की पूजा करने से मांगलिक फल और सुख-शांति प्राप्त होती है। इस पूजा को करने से संकटों का निवारण भी होता है।
पूजा की तैयारी
पूजा करने के लिए सबसे पहले स्वच्छ और सुखमय रूप से बैठें।
एक सफेद पोशाक पहनें और अपने हाथ सफ़ाई से धो लें।
पूजा के लिए माँ स्कंदमाता की मूर्ति या फोटो तैयार करें।
पूजा के लिए कुमकुम, चावल, फूल, दीपक, और सुगंधित धूप की तैयारी करें।
पूजा की विधि
पूजा की शुरुआत करने से पहले माँ स्कंदमाता की प्रार्थना करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
अपने आंचल में कुमकुम और चावल रखें और माँ के चरणों पर लगाएं।
फूलों की माला को माँ के गले में पहनाएं और मन्त्रों के साथ माला को पहले से तैयार रखें।
दीपक को जलाएं और धूप को उसके साथ दर्शाएं।
माँ स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें और उनकी पूजा करें।
पूजा के बाद, प्रसाद बाँटें और सभी को आशीर्वाद दें।
माँ स्कंदमाता का पूजन ईश्वरीय आनंद, सुख-शांति और संकटों का निवारण दिलाता है। इस दिन को मान्यता है कि वो अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी करती हैं। इसलिए, माँ स्कंदमाता की पूजा को ईमानदारी से और श्रद्धापूर्वक करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
माँ स्कंदमाता के पूजा मंत्र:
ॐ देवी स्कंदमातायै नमः।
इस मंत्र को माँ स्कंदमाता की पूजा के समय जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से माँ स्कंदमाता के आशीर्वाद का प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।