जय माँ शैलपुत्री प्रथम, दक्ष की हो संतान।
नवरात्रे के पहले दिन करें आपका ध्यान ॥
अग्नि कुण्ड में जा कूदी, पति का हुआ अपमान।
अगले जनम में पा लिया शिव के पास स्थान ॥
राजा हिमाचल से मिला पुत्री बन सम्मान।
उमा नाम से पा लिया देवों का वरदान ॥
सजा है दाये हाथ में संघारक त्रिशूल।
बाए हाथ में ले लिया खिला कमल का फूल ॥
बैल है वाहन आपका, जपती हो शिव नाम।
दर्शन ने आनंद मिले अम्बे तुम्हे प्रणाम ॥