Navratri Parana puja
Durga puja bhajan – puja ( Navratri)
Navratri Parana puja
नवरात्रि पारण पूजा
नवरात्रि के आखिरी दिन, यानी दशमी को पारण पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन नवरात्रि के नौ दिनों की व्रत पूर्ण होती है और देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पारण पूजा के बाद, व्रतियों को आशीर्वाद दिया जाता है और व्रत खोलते समय विशेष रूप से पूजा की जाती है।
पूजा की तैयारी
पारण पूजा के लिए स्वच्छ और सुखमय रूप से बैठें।
एक सुंदर पोशाक पहनें और अपने हाथ सफाई से धो लें।
पूजा के लिए माँ दुर्गा की मूर्ति या फोटो तैयार करें।
पूजा के लिए कुमकुम, चावल, फूल, दीपक, और सुगंधित धूप की तैयारी करें।
पूजा की विधि
पारण पूजा की शुरुआत करने से पहले माँ दुर्गा की प्रार्थना करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
अपने आंचल में कुमकुम और चावल रखें और माँ के चरणों पर लगाएं।
फूलों की माला को माँ के गले में पहनाएं और मन्त्रों के साथ माला को पहले से तैयार रखें।
दीपक को जलाएं और धूप को उसके साथ दर्शाएं।
माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और उनकी पूजा करें।
पूजा के बाद, व्रतियों को प्रसाद दें और उनको आशीर्वाद दें।नवरात्रि पारण पूजा के बाद, व्रतियों को आशीर्वाद मिलता है और वे अपने व्रत को सम्पूर्ण करते हैं। यह पूजा देवी दुर्गा की प्रसन्नता का प्रतीक होती है और आशीर्वाद प्रदान करती है।
नवरात्रि पारण पूजा के मंत्र
ॐ देवी दुर्गे नमः।
इस मंत्र को पूजा के समय पूर्ण भाव से जाप करें और फिर नवरात्रि के व्रत को समाप्त करें। यह मंत्र देवी दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है।