नवरात्रि के 9 दिनों में माता दुर्गा को विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं, जो उनकी पूजा में उपयोग किए जाते हैं। ये भोग माता दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रस्तुत किए जाते हैं।
नवरात्रि कलश में फल: नवरात्रि के पहले दिन को भोग के रूप में नवरात्रि कलश में फल रखा जाता है, जैसे कि सीब, केला, संतरा, आदि।
नवरात्रि में पूरी: बेसन की पूरी या आलू की पूरी नवरात्रि के दौरान बनाई जाती है और माता को भोग लगाई जाती है।
नवरात्रि में चावल: चावल की खिचड़ी भी नवरात्रि के भोग के रूप में बनाई जाती है। यह अक्षत बनाने के लिए प्रयुक्त होती है.
नवरात्रि में सबुदाना: सबुदाना के पापड़ और खिचड़ी भी प्रिय भोग होते हैं, और व्रतियों द्वारा खाए जाते हैं.
मिठाई और फल: नवरात्रि के दौरान मिठाई और फल भी माता को भोग लगाने के रूप में प्रयुक्त होते हैं, जैसे कि हलवा, पूरी, कढ़ी, आदि।
नरियल: नरियल भी माता को भोग लगाने के रूप में प्रयुक्त होता है।
दूध और दही: दूध और दही भी नवरात्रि के दौरान माता के भोग के रूप में प्रयुक्त होते हैं।
नवरात्रि में पान: नवरात्रि में पान के पत्ते, सुपारी, और इलायची भी माता को भोग लगाने के रूप में बनाए जाते हैं।